भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में एक
बड़ा कदम बढ़ाते हुए हिमाचल
प्रदेश ने
अपना पहला सौर
ऊर्जा मॉडल गांव विकसित
करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस पहल के तहत कांगड़ा जिले के राजा खास गांव को पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित गांव
के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह कदम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में
है, बल्कि स्वच्छ
ऊर्जा, हरित
विकास और सस्टेनेबल
फ्यूचर के
लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बन रहा है।
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क्या है सौर ऊर्जा मॉडल गांव?
सौर ऊर्जा मॉडल गांव एक ऐसा गांव होता
है जहाँ अधिकतर या सभी सार्वजनिक एवं आवश्यक सेवाएं सौर ऊर्जा से संचालित होती
हैं। इससे न सिर्फ बिजली की बचत होती है,
बल्कि पर्यावरण को भी भारी लाभ होता है। राजा खास को यह पहचान ₹1
करोड़ की विशेष अनुदान योजना के
अंतर्गत मिली है।
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राजा खास गांव की मुख्य विशेषताएं
- 🌞 3700 किलोवाट
सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता
के साथ राज्य का सबसे उन्नत गांव।
- 🏫 पंचायत भवन, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक भवन
और अन्य सरकारी सुविधाएं अब
100% सौर ऊर्जा पर आधारित होंगी।
- 🌱 जलवायु परिवर्तन, समुद्री जीवन, और पृथ्वी के
इतिहास जैसे विषयों पर
शोध और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
- 🥇 हिमाचल के 43 गांवों की
प्रतिस्पर्धा में जीतकर चुना गया आदर्श गांव।
राजा खास गांव हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा
जिले के इंदौरा
ब्लॉक में
स्थित है। इसे जिला समन्वय समिति की बैठक में इस योजना के लिए चयनित किया गया। यह
पहल राज्य को ग्रीन
स्टेट बनाने
की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
हिमाचल प्रदेश न केवल अपनी सुंदरता के
लिए प्रसिद्ध है, बल्कि
अब यह नवीकरणीय
ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य
बनने की ओर भी अग्रसर है। हिमाचल का लक्ष्य है कि वह जल्द ही
एक पूरी
तरह हरित राज्य के
रूप में स्थापित हो।
राजा खास गांव की यह पहल दर्शाती है कि
यदि सही योजना और समर्पण हो, तो
भारत के गांव भी ऊर्जा
आत्मनिर्भरता और हरित
विकास की
मिसाल बन सकते हैं। यह अन्य राज्यों और जिलों के लिए भी एक प्रेरणा है।
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